Monday, May 9, 2016

संघ शास्ता गुरुदेव

गंगा नहाये जमुना नहाये बुझी न मन की प्यास....
इक "सुदर्शन गुरू"का नाम जप लिया बुझी जन्मों जन्म की प्यास....